सामने पड़ते हैं, हाथ हिला कर निकल जाते हैं
वरना अंजान बन, सर झुका कर निकल जाते हैं
कभी खाईं थी कसमें वफा की उन्होंने,
वो आज दिल का चैन, उड़ा कर निकल जाते हैं
लोग कहते हैं आज भी प्यार है मुझसे
फिर क्या सबब है, हाथ छुड़ा कर निकल जाते हैं
ये तो रिवाज़ है दुनिया के लोगों का यारो
मतलब निकलते ही, मुंह छुपा कर निकल जाते हैं...

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