बिता दी हमने यूं ही, ये ज़िन्दगी किस के लिए !
उधार ला कर रख दी, ये रौशनी किस के लिए !
गफ़लतों के शहर में कुछ भी न आता है समझ,
आखिर #दिल के सामने, ये बेबसी किस के लिए !

ज़िन्दगी के सफर में देखा है जाने कितनों को,
कोंन दिल में आ घुसा, ये बेकली किस के लिए !
जब अंधेरों में भटकना #नसीब है अपना ,
तो #ज़िन्दगी की रात में, ये चाँदनी किस के लिए !

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