दिल खोल के रख देना, ये फितरत है हमारी,
न आये गम कभी अपनों पे, हसरत है हमारी
किसी का उदास होना देखा नहीं जाता हमसे,
ख़ुदा मेहर करे उन पर, यही इबादत है हमारी
उनसे क्या कहें भला जो हैं गुलाम नफ़रत के,
पर न करना किसी से दुश्मनी, आदत है हमारी
#मोहब्बत ही काफी है मुश्किलों के हल के लिए,
मगर खलल जो डालती है, वो नफ़रत है हमारी
पूंछा विधाता से कि क्यों बना दीं बुराइयां उसने,
बोले, अरे ये दुनिया चलाने की, हिक़मत है हमारी
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