खुद ही तय करते हैं मंज़िलें, रास्ता भी खुद बनाते हैं
जीते हैं अपनी शर्त पर, अपनी दुनिया भी खुद बनाते हैं
इन्हें इश्क़ है वतन से, मरने का कोई ग़म नहीं,
ये जांबाज़ फरिश्ते हैं, जो हर जोखिम को खुद उठाते हैं

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