hindi shayari status

कैसी सजा है ये #ज़िन्दगी, ये हमसे न पूँछिये ,
कैसे गुज़रते हैं ये रात दिन, हमसे न पूँछिये !
बामुश्किल भूल पाए हैं गुज़रे जमाने को हम,
कैसे बिखरती है ख्वाहिशें, ये हमसे न पूँछिये !
जिन्हें रास आया हे जीना उन्हें दुआ है हमारी,
मगर मरते हैं कैसे घुट घुट के, हमसे न पूँछिये !
रोशन हैं घर जिनके मुबारक हो रौशनी उन्हें,
मगर कैसे पसरते हैं सन्नाटे, ये हमसे न पूँछिये !
खुश रहें इस दुनिया के लोग तमन्ना है हमारी,
पर आंसुओं की कीमत है क्या, हमसे न पूँछिये !
#ज़िन्दगी उलझन के सिवा कुछ भी नहीं दोस्त,
लोग कैसे कुचलते हैं अरमां, ये हमसे न पूँछिये !!!

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