अब वो दुनिया नहीं, वो दुनियादारी नहीं
जो बदल जाये, वो #किस्मत हमारी नहीं
कहने को सब कुछ अपना सा दिखता,
मगर कोई भी चीज़, इसमें हमारी नहीं
वो छोड़ जाएँ हमको ये है उनकी रज़ा,
पर उनके बिन, ये #ज़िन्दगी हमारी नहीं
बहुत ज़ुल्म झेले हैं #जीवन के सफर में,
अब और झेल पाएं, हिम्मत हमारी नहीं...

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