ख़ुदाया वो भी हमारी, ज़िन्दगी हुआ करते थे ,
उनके लिए यारो हम, दिन रात दुआ करते थे !
उजाला उनकी यादों का हम बसा के दिल में,
रातों की महफ़िलों में, हम तन्हा रहा करते थे !
न रहा वो मौसम और न रहा वो ज़माना अब,
चोट खाकर भी चेहरे पे, मुस्कान रखा करते थे !
देखे थे अनेकों दौर मुश्किल के हमने भले ही,
पर #ज़िन्दगी की राहों पर, बावफ़ा चला करते थे !
कभी वो भी नज़ारा देखा है इन आँखों ने ,
कि हमारे संग संग, हूरों के कारवां चला करते थे !

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