378 Results
सज्जन दौड़ रहा है इज़्ज़त बनाने के लिये
तो दुर्जन दौड़ रहा है कुचक्र चलाने के लिये
View Full
ज़िंदगी की उलझनों में,
कुछ ज्यादा ही मशगूल हो गये
जिनको दिल के करीब समझा, वो भी प्रतिकूल हो गये
View Full
कभी मेरी हकीकत भी एक कहावत बन जाएगी
आवाज़ भी इन हवाओं की अमानत बन जाएगी
View Full
ये इश्क़ का खुमार,
कुछ दिन में उतर जाता है
चाँद सा वो चेहरा, बुझा बुझा सा नज़र आता है
View Full
शहर की चका चोंध में, सब
कुछ भुला दिया हमने
मिट्टी का वो घर, वो आँगन, सब भुला दिया हमने
View Full
कुछ दोस्त तो बदनाम हो गये,
कुछ गुमनाम हो गये
कुछ बदनसीब तो बे वक़्त ही, ख़ुदा के नाम हो गये
View Full
ठोकर खाकर खुद संभलने का, मज़ा ही
कुछ और है
किसी रोते हुए को हंसाने का, मज़ा ही
कुछ और है
View Full
कभी तो हसीन मौसम का बहाना ढूढते हैं
तो कभी ग़मगीन दिल का बहाना ढूढते हैं
कुछ नहीं तो दस्तूर का नारा लगा कर
View Full
इस वक़्त ने मुझे सब
कुछ सिखा दिया
वचपन को बेचकर जल्दी बड़ा बना दिया
ये मुस्कराना भी
कुछ होता है पता नहीं
View Full
दुनिया के इस चमन में, अब
कुछ भी हमारा नहीं
कोई और ही देखेगा #बहार, ये वक़्त अब हमारा नहीं
View Full