दुनिया के इस चमन में, अब कुछ भी हमारा नहीं
कोई और ही देखेगा #बहार, ये वक़्त अब हमारा नहीं
हर फूल को कितने #प्यार से संभाला था हमने,
पर फूल तो फूल, अब #महक पर भी हक़ हमारा नहीं

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