370 Results
उनके नख़रे उठा पाना, गर मेरे बस में होता
मैं तो उन्हीं का हो जाता, गर मेरे बस में होता
View Full
कहने को ज़िंदा हूँ, पर अपनों से दूर हूँ मैं
अपने हालात से, न
जाने क्यों मजबूर हूँ मैं
View Full
सपनों की दुनिया में हम खोते चले गए,,,
मदहोश न थे पर #मदहोश होते चले गए...
ना
जाने क्या बात थी उस #चेहरे में,,,
View Full
जाने क्यों वो मेरे खयालों में चले आते हैं
रिसते हुए ज़ख्मों को कुरेदने चले आते हैं
View Full
मौत से क्यों डरते हैं हम, उसे तो आना ज़रूर है
क़फन तो अखिरी चोला है, उसको बदलना ज़रूर है
View Full
मेरी तक़दीर
जाने कहाँ सो गयी है
अधरों की मुस्कान कहाँ खो गयी है
जीने की चाहत गयी है ठहर सी
View Full
प्यार की दास्तां, किसी से भला क्या कहिये
खुदगर्ज़ दुनिया से, अपने अज़ाब क्या कहिये
View Full
हमने अब गमों को, अपना मुकद्दर बना लिया
अपनी आँखों को अश्कों का समंदर बना लिया
View Full
हर दिल में अजीब सी, मैं घुटन देखता हूँ
पतझड़ से उजड़ा हुआ, मैं चमन देखता हूँ
View Full
ज़िंदगी के मैंने न
जाने कितने रंग देखे हैं
कभी गैरों तो कभी अपनों के संग देखे हैं
View Full