यूं तो अब सांस लेना भारी है
फिर भी अपना सफर जारी है
यहाँ बिकते हैं मुफ्त में दिल
ये भी भला कैसी दुकानदारी है
शक्ल तो इंसान की है मगर
कोई परिंदा तो कोई शिकारी है
टूटते हैं दिल गमों की नोंक से
हमें तो गमों की चोट प्यारी है
लोग सोचते हैं कि खुश हैं हम
मगर दोस्ती ग़मों से हमारी है...
मेरे सूने उपवन को फिर से बहारें दे दी तूने
मायूस दिलों को खुशियों की फुहारें दे दी तूने
कैसे शुक्रिया अदा करूं मैं तेरा अय मेरे खुदा
मुझको फिर से वो वचपन की यादें दे दी तूने
तेरी इनायत से कितना खुश हूँ मैं क्या कहूँ
मेरे सूखे जीवन में फिर मेघ मल्हारें दे दी तूने
मेरे एक नन्हें से फरिश्ते को मेरी गोदी में दे कर
मनके आँगन में खुशियों की बरसातें दे दी तूने...
हम आँखों से अश्क ढलने नहीं देते
अरमान दिल से निकलने नहीं देते
दिल भले ही तडपता रहे रात दिन,
फिर भी हम उसे भटकने नहीं देते
अपनों की बात क्या है हमतो यारो,
गैर को भी दिल से निकलने नहीं देते
यादों के अंधेरों में गुम रहते हैं हम,
उनके साये हमें चैन से रहने नहीं देते
सोचता हूँ कि भला कैसे बढ़ूंगा आगे,
उनके बिछाये कांटे मुझे चलने नहीं देते...
इंसान के सभी ख़्वाब, कभी पूरे नहीं हुआ करते
आज जैसे हालात हैं, वो हमेशा नहीं हुआ करते
खुदा के ढंग भी बड़े ही अजीब होते हैं,
जब दांत होते हैं, चबाने को चने नहीं हुआ करते
कुछ सवाल होते हैं कि पूंछना मुश्किल है,
कुछ सवाल होते हैं जिनके जवाब नहीं हुआ करते
नहीं है ज़रूरी कि चाहतें पूरी हों सब की,
आदमी के अरमान, कभी खत्म नहीं हुआ करते
दुनिया के लोग बड़े ही दिल फरेब हैं दोस्त,
सामने से दिखते हैं जैसे, वो वैसे नही हुआ करते...
मुस्कराते रहें आप, हज़ारों ग़मों के होते हुए
जैसे हँसता गुलाब, हज़ारों कांटों के होते हुए
जगमगाओ दुनिया में कुछ इस तरह दोस्त,
जैसे आसमान में चाँद, सितारों के होते हुए...