सारा पाने की चाहत में, सब कुछ छूट जाता है
दिल के क़रीब रिश्ता भी, अचानक टूट जाता है
किस को कहें हमसफर दुनिया में यारो,
कभी कभी तो साया भी, अपने से रूठ जाता है
काँच के मानिंद है ये मोहब्बत का मकां,
बस ज़रा सी चोट खा कर ये, यूं ही टूट जाता है
पाने की ललक में आपा मत खोइए यारो,
इक हद से ज्यादा दबाने से, गुब्बारा फूट जाता है...
उनींदी आँखों में, कुछ सपने से नज़र आते हैं
कुछ तो पराये से, कुछ अपने से नज़र आते हैं
ख़यालों की तासीर भी बड़ी अजीब होती है ,
वो पराये हैं फिर भी, अपने से नज़र आते हैं <3
कोयले के टुकड़े, जमा करते रहे हीरा समझ कर
अपनों को सम्हाले रहे, नायाब नगीना समझ कर
अफसोस कोई भी खरा न उतरा अपनी कसौटी पर,
बस भूल कर बैठे हम, पानी को पसीना समझ कर
दुनिया बड़ी अजीब है किसी पर भरोसा क्या करिये,
आंसू न दिखाइये अपने, किसी को अपना समझ कर
जब तक ज़रूरत नहीं हर शख्स नज़र आता है दोस्त,
पर वक़्त आने पर, खिसक जाते हैं अंजाना समझ कर
बस यही है चलन इस अनौखी सी दुनिया का "मिश्र",
डुबाता है वही नैया, जिसे पतवार दी अपना समझ कर..
खुशियों की महफिल भी, कहर नज़र आती है
किसी की मीठी ज़ुबां भी, ज़हर नज़र आती है
जब टूटता है #दिल तो न भाती ये दुनिया,
संभलने की हर कोशिश, बे असर नज़र आती है..
छोटी सी एक भूल, ज़िंदगी के हालात बदल देती है
प्यारी सी मुस्कान, ग़मों को खुशी में बदल देती है
ठोकर लगने से परेशान क्यों होते हो ?
कभी कभी एक ठोकर, ज़िंदगी की राह बदल देती है