दास्ताने ज़िंदगी मैं साथ लिये जाता हूँ
टूते हुए #दिल को मैं साथ लिये जाता हूँ
मांग लेना जान भी गर ज़रूरत हो तुझे
बची है ज़रा सी उसे साथ लिये जाता हूँ
खिली रहे धूप खुशियों की चेहरे पर तेरे
गमों का हर बादल मैं साथ लिये जाता हूँ
निकाल देना यादों को मेरी दिल से अपने
तेरी #यादों का ज़खीरा मैं साथ लिये जाता हूँ
हम पायेंगे #मोहब्बत की सज़ा उम्र भर,
तेरे प्यार की हर अदा मैं साथ लिये जाता हूँ...
मूर्ख थे हम कि उसको, अपना समझ लिया हमने
उसकी हर चीज़ पर, अपना हक़ समझ लिया हमने
जिसको पाने के लिये सब कुछ लुटा दिया हमने
अफ़सोस उसके दीदार का, हक़ भी गवां दिया हमने
कर दिया बंद दरवाज़ा क्यों हमारे लिये उसने,
कोई तो बताये हमको, क्या गुनाह कर दिया हमने...
खुशियाँ बटोरने से नहीं, उन्हें बांटने से मिलती हैं
दौलत की खुशी रखने से नहीं, खर्चने से मिलती है
खुशियों बाज़ार में नहीं मिलतीं दोस्तो,
खुशियाँ तो गैरों को भी, अपना बनाने से मिलती हैं
आज वक़्त अच्छा है, तो ज़रा सा संभल कर चलिये
बुरा वक़्त भी आ सकता है, ये बात मान कर चलिये
जब मुश्किलों के अंधरे लगें घेरने तब के लिये,
दौलत की रोशनी व अपनों का साया, बचा कर चलिये
वक़्त कब बदल जाये किसको क्या पता यारो,
कल के सफ़र के लिये भी, आज राहें बना कर चलिये
न करो आज ऐसा जो कल को बिगाड़ दे ,
चाहिये सुकून कल, तो आज दुनिया से बना कर चलिये