Humne Zakham Khaye Dil Par
हमने तो निभाये हैं रिश्ते दिल से,
लोग तो रस्म निभा कर चले जाते हैं
हमने तो ज़ख्म खाये हैं दिल पर,
लोग नमक छिड़क कर चले जाते हैं
कोई नहीं पूंछता मेरे दर्द को,
लोग मुंह फेर कर यूं ही चले जाते हैं
हमने तो निभाये हैं रिश्ते दिल से,
लोग तो रस्म निभा कर चले जाते हैं
हमने तो ज़ख्म खाये हैं दिल पर,
लोग नमक छिड़क कर चले जाते हैं
कोई नहीं पूंछता मेरे दर्द को,
लोग मुंह फेर कर यूं ही चले जाते हैं
मनाना चाहो तो त्यौहार है ज़िंदगी
खुशी से जियो तो प्यार है ज़िंदगी
सुनना चाहो तो संगीत है ज़िंदगी
खेलना चाहो तो हार जीत है ज़िंदगी
देखना चाहो तो ख्वाब है ज़िंदगी
पढ़ना चाहो तो किताब है ज़िंदगी
चढ़ने न पाओ तो पहाड़ है ज़िंदगी
अगर गिर गये तो भाड़ है ज़िंदगी
रो कर जिये तो कब्रस्तान है ज़िंदगी
हंस कर जिये तो गुलिश्तान है ज़िंदगी
ज़िंदगी की राह पर ज़रा प्यार से चलिये
आखिरी ठिकाने तक की राह है ज़िंदगी
जिस पर जां निसार थी, उसने हमें भुला दिया
उस बेवफा के दर्द ने, हमें बेहताशा रुला दिया
सोचा था उसकी याद में जी लेंगे हम,
पर उसने तो अपनी यादों पर भी, कर्फ्यू लगा दिया
एक मंजिल मिले तो अगली की तलाश करो
ज़मीं मिल जाये तो आसमां की तलाश करो
आसमां से आगे जहां और भी है,
गर मिल जाये तो, खुद में खुदा की तलाश करो
जब तक प्यार नहीं मिलता, वो दीवाना बन जाता है
बस एक झलक पाने के लिये, वो परवाना बन जाता है
जब मिल जाता है प्यार तो उसकी कद्र नहीं,
वो दीवानापन वो पागलपन, बस अफसाना बन जाता है