Waqt ke sath haalat badal jate hain
उम्र के लिहाज़ से अहसास बदल जाते हैं
वक़्त के हिसाब से हालात बदल जाते हैं
सोचता था घर बनाऊँगा आसमां पर
पर हालात देखकर ख़्यालात बदल जाते हैं
उम्र के लिहाज़ से अहसास बदल जाते हैं
वक़्त के हिसाब से हालात बदल जाते हैं
सोचता था घर बनाऊँगा आसमां पर
पर हालात देखकर ख़्यालात बदल जाते हैं
उनको आजकल हर सख्स बेईमान नज़र आता है
सिर्फ खुद और खुद में उन्हें ईमान नज़र आता है
सोच ठीक है मगर दिशा कुछ और दिखती है,
हर कथन उनका एक फ़रेबी फ़रमान नज़र आता है
हे भगवान इतना झूठ हम कैसे पचा पायेंगे
हम उनकी मांग में सितारे कैसे सजा पायेंगे
झूठ के सहारे प्यार मिला भी तो क्या,
हम आसमां के तारे आंगन में कैसे बिछा पायेंगे
लोग तो राहों में पलकें बिछाने की बात करते हैं
प्यार में पर्वत से छलांग लगाने की बात करते हैं
इतना झूठ हमारे बस की बात नहीं,
लोग तो आसमां से चांद को लाने की बात करते हैं
वक़्त गुज़र जाता है, पर अपना अहसास छोड जाता है
तूफान गुज़र जाता है, पर अपना आभास छोड जाता है
छोड़ कर चला जाता है कोई अपना,
ज़िंदगी भर ताकने के लिये, बस आकाश छोड़ जाता है
हम उजड़े हुए दिल को, चमन बनाने से डरते हैं
अपने मन के उपवन में, फूल खिलाने से डरते हैं
न जाने कितनों के दिल राख होंगे,
तभी तो अपने दिल में, किसी को बिठाने से डरते हैं