Shanti Swaroop Mishra

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Bahut Waqt Lagta Hai

बहुत वक़्त लगता है, किसी का यकीन पाने में !
मगर लगता नहीं एक लम्हा भी, उसे गॅवाने में !
जुबाँ की हरकतें न जाने क्या क्या कराती हैं,
उम्र गुज़र जाती है, आग लगाने और बुझाने में !
अब तो गिरगिट भी कुछ नहीं आदमी के आगे,
जाने कितने रंग भरता है, अपना रंग जमाने में !
अपनी करतूत पे बस डालते रहते हैं लोग पर्दे,
मज़ा आता है उनको तो, बस और को सताने में !
अब यही दस्तूर है दोस्त कि अपने लिए जियो,
वर्ना तो क्या रखा है इधर, औरों से जी लगाने में !

Zindagi Bikhar Jati Hai

हम तो क़तरों से खुश हैं, समंदर ले के क्या करेंगे,
जब भटकना है नसीब में, तो ठाँव ले के क्या करेंगे !
जरा सी हवा से बिखर जाती है ज़िंदगी तिनकों में,
फिर तू ही बता दोस्त, कि तूफ़ान ले के क्या करेंगे !
अजीबो गरीब चाहतों ने मिटा दिया इस आदमी को,
हमें चाहिए जब चार रोटी, अधिक ले के क्या करेंगे !
जो लूटते हैं दुनिया को न जाने किस किस तरह से,
भला ऐसे महान पुरुषों से, हम हुनर ले के क्या करेंगे !
जब चाहिए थी ज़रा सी महक तब न मिल सकी ,
जब आखिरी दिन आ गए, तब चमन ले के क्या करेंगे !

Dil Dukha Kar Chale Gye

आये थे ऐसे कि, दिल में समा कर चले गए,
सो रहे थे चैन से, कि वो जगा कर चले गए !
न ठहरे वो इक पल भी मेरे गरीबखाने पर,
दिखा के बस झलक, जी दुखा कर चले गए !
न आया समझ कि ये हक़ीक़त है या सपना,
वो तो अजीब सी, हलचल मचा कर चले गए !
आये थे कुछ कहने मगर न कह सके शायद,
बस दिल की बातें, दिल में छुपा कर चले गए !
वैसे भी क्या कमी थी हमें रुसबाइयों की दोस्त,
जो यूं ही ढेर सारी, मायूसियां बढ़ा कर चले गए !

Main Mohabbat Chhod Aaya

Main Mohabbat Chhod Aaya hindi shayari status

मैं तो जमीं तो जमीं, आसमाँ छोड़ आया,
जाने कितने दिलों की, दास्तां छोड़ आया !
मैं यादों के झरोखों से देखता हूँ अब भी,
कि बदन साथ था, पर आत्मा छोड़ आया !
किस से कहूँ मैं अपना दर्दे दिल आखिर,
मैं तो मोहब्बत का, वो नगमा छोड़ आया !
अज़ब से रंग देखे थे अपनों के परायों के,
मैं तो सारा का सारा, वो समां छोड़ आया !
मैंने भी गाये थे वो तराने उल्फत के दोस्त,
जाने जीने की वो सरगम, कहाँ छोड़ आया !!!

Zamana Bada Bereham Hai

बिठा दें चाहे लाख पहरे, ये जमाने वाले,
मगर घुस ही जाते हैं, दिल जलाने वाले !
कर सकते हैं राख उनको भी ये शोले,
भला कहाँ सोचते हैं ये, घर जलाने वाले !
अब तो मदद करना भी गुनाह है दोस्तो,
नहीं हैं कम इधर, इलज़ाम लगाने वाले !
बड़ा बेरहम है आज का ये जमाना दोस्त,
लापता हो जाएंगे, तुझ पे जाँ लुटाने वाले !
कहाँ फंस गए ठगों की नगरी में हमतो,
न मिलेंगे ढूंढें से अब, दोस्ती निभाने वाले !