Shanti Swaroop Mishra

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Bewafa Ko Na Bhulaya

उसका अक्स दिल से, अब तक न हटाया हमने,
ज़ालिम बेवफ़ा को, अब तक ना भुलाया हमने !
जलाया था उसने ही कभी मोहब्बत का दीया,
वो जल रहा है यूं ही, अब तक न बुझाया हमने !
लम्बी फेहरिस्त है उसकी जफ़ाओं की दोस्तो,
लेकिन ज़िगर उसका, अब तक न दुखाया हमने !
बहुत चोट खायी है इस नादान दिल ने मगर,
उसे अपने ज़ख्मों को, अब तक न दिखाया हमने !
ये जो दुनिया है ये तो बस मज़े लेती है दोस्त ,
हवा को भी अपना ग़म, अब तक न बताया हमने !

Rishte Khatam Ho Gye

बिना मतलब, कोई किसी का साथ नहीं देता,
कोई भी बिना लूटे, किसी को खैरात नहीं देता !
झूठ और मक्कारियों का चल पड़ा है दौर अब,
इस जहां में अब, कोई ईमान का साथ नहीं देता !
अब तो है जी हुज़ूरी ही कुशलता का प्रमाण पत्र,
मेहनत के बदले में, अब कोई सौगात नहीं देता !
बदमाश बन कर भले ही जीना हराम हो उसका,
फिर भी ये आदमी, शराफ़त का साथ नहीं देता !
दोस्तो अब रिश्ते भी ख़त्म हो चुके हैं इस कदर,
कि अब तो अपना भी, अपनों का साथ नहीं देता !!!

Jo khuda ka na huya

जो अपनों का न हुआ, वो भला गैरों का क्या होगा,
जो जमीं का न हुआ, वो आसमानों का क्या होगा !
उसे ज़िन्दगी भर न रास आई ख़ुदा की ख़ुदाई भी,
जो भला ख़ुदा का न हुआ, वो बन्दों का क्या होगा !
शरीर में उसके दिल की जगह पत्थर रखा है यारो,
जो भला ज़िन्दों का न हुआ, वो मुर्दों का क्या होगा !
वो कैसा है आदमी कैसी है फितरतें उसकी,
जो मोहब्बतों का न हुआ, वो नफ़रतों का क्या होगा !
 

Mohabbat Bhi Ajeeb Hai

इससे पहले कि सनम, बेवफा हो जाएँ,
क्यों न उनकी ज़िंदगी से, जुदा हो जाएँ !
गर ख़ुशी मिलती है उन्हें हमारे बिना ही,
क्यों न उनके दिल से हम, दफ़ा हो जाएँ !
क्या होगा अब आगे ये है उनकी ज़िंदगी,
क्या मालुम कल वो खुद ही, ख़ुदा हो जाएँ !
सोचता हूँ छोड़ दूँ इस अजनबी शहर को,
कहीं फिर से न मुझ पे वो, खफा हो जाएँ !
बड़ी अजीब चीज़ है ये #मोहब्बत भी ,
क्यों न सब कुछ भूल कर, बेवफा हो जाएँ !

Kabhi Socha Na Tha

कभी आएगा वक़्त कुछ ऐसा भी, ये कभी सोचा न था,
हमसे चला जाएगा वो बिन मिले, ये कभी सोचा न था !
चाहता तो गुज़र सकता था मैं भी कभी उधर से मगर,
यूं बदल जाऊंगा इस क़दर मैं भी, ये कभी सोचा न था !
मज़बूर था कि बढ़ाई दूरियां उसने ही तो क्या करता,
हो जायेंगे कभी अजनबी हम भी, ये कभी सोचा न था !
वक़्त था कि दौड़ पड़ते थे उनकी आमद की सुन कर,
बदल जाएगा इस कदर सब कुछ, ये कभी सोचा न था !
सच है दोस्त कि याद जाती नहीं उनकी कभी दिल से,
मगर कुछ इस तरह होंगे जुदा हम, ये कभी सोचा न था !