अपनी ज़िन्दगी हम, यूं ही बसर कर लेंगे,
अपने दिल में हम, उनके अज़ाब भर लेंगे...
न होने देंगे जमाने में उनको हम पशेमां,
दुनिया से दूर हम, अपना बसेरा कर लेंगे...
आसमां से तारे तोडना तो बस में नहीं था,
मगर हाँ खुशियों का हम, इंतज़ाम कर लेंगे... #ज़िन्दगी कभी सपनों के सहारे नहीं चलती,
हम असलियत की रौशनी में, गुज़र कर लेंगे...
झूठे सपने दिखा कर प्यार नहीं मिला करता,
जी लेंगे सुकून से, अपने हुनर पे सब्र कर लेंगे...
खोखले वादों से तसल्ली नहीं मिलती है,
मिल कर चले साथ तो, पूरा सफ़र हम कर लेंगे...
#धीरज से संभालिये, तो गुत्थी खुद सुलझ जायेगी,
वरना तो हड़बड़ी में ये, और ज्यादा उलझ जायेगी !
भरोसे की नींव पर टिकी होती है #रिश्ते की दीवार,
अगर खिसकेगी इक ईंट भी, फिर न संभल पायेगी !
ग़लतफ़हमियों को ज़िगर में सजाना छोड़ दो यारो,
वर्ना ग़मों से लवरेज़ उम्र, बस यूं ही निकल जाएगी !
बिखरते देखे हैं कितने ही #रिश्ते मैंने इसी सबब से,
न समझोगे बात इतनी, तो हाथों से फिसल जाएगी !
बेहतर है कि मिल बैठ कर सुलझा लो शिकवे,
वरना तो वर्षों की #मोहब्बत, नफ़रत में बदल जाएगी !
आज तो भरे बाज़ार में, वफ़ा नीलम हो गयी !
बस देखते ही देखते, #ज़िन्दगी बेनाम हो गयी !
कल तक फ़रिश्ते थे जिनकी निगाहों में हम,
उनकी वफ़ा बिक कर, किसी के नाम हो गयी ! #इश्क़ के बाज़ार में शिकवा भला किस से करें,
अब तक जो पीर दिल में थी, वो आम हो गयी !
हम समझ लेंगे मगर कोंन समझाए दिल को,
जिसकी सालों की इबादत, ऐसे नाकाम हो गयी !
अजीब खेल है #मोहब्बत का मत खेलिए,
जिसने भी इसे खेला, ज़िंदगी शमशान हो गयी !
दिल खोल के रख देना, ये फितरत है हमारी,
न आये गम कभी अपनों पे, हसरत है हमारी
किसी का उदास होना देखा नहीं जाता हमसे,
ख़ुदा मेहर करे उन पर, यही इबादत है हमारी
उनसे क्या कहें भला जो हैं गुलाम नफ़रत के,
पर न करना किसी से दुश्मनी, आदत है हमारी #मोहब्बत ही काफी है मुश्किलों के हल के लिए,
मगर खलल जो डालती है, वो नफ़रत है हमारी
पूंछा विधाता से कि क्यों बना दीं बुराइयां उसने,
बोले, अरे ये दुनिया चलाने की, हिक़मत है हमारी
ये दुनिया तो आखिर, हम छोड़ जाएंगे,
मगर चाहतों को, बदस्तूर छोड़ जाएंगे !
जिन्दा थे तो #याद करते रहे उनकी हम,
मगर ये काम अब, उन पे छोड़ जाएंगे !
हम तो चले जाएंगे गर्दिशों से दूर मगर,
ज़िन्दगी में उनकी भी, कई मोड़ आएंगे !
ये रूह भी देखेगी अब उनके वफ़ा के रंग,
यादों में रहें न रहें, निशानी छोड़ जाएंगे !
जीते जी का तमाशा है ये #ज़िन्दगी,
मरने के बाद तो, सभी नाता तोड़ जाएंगे !