मैं खुश हूँ कि कोई, मेरी बात तो करता है !
बुरा कहता है तो क्या, वो याद तो करता है !
उसे मुझसे मोहब्बत नहीं नफ़रत ही सही,
मगर मेरे लिए वो, वक़्त बर्बाद तो करता है !
अपनों से तो हो गया खाली ये दिल कब का,
कम से कम दिल को, वो आबाद तो रखता है !
नफ़रत ही तो #मोहब्बत की शुरूआत है,
मुझे परखने के लिए, वो फसाद तो करता है !
सुख से जीवन जीना है, तो आँख खोल कर रहना सीखो !
मत टकराओ दुनिया से, नतमष्तक हो कर रहना सीखो !
पाने के लिए अपनी मंज़िल हमसफ़र ज़रूरी नहीं दोस्त,
तुम चल कर कभी अकेले भी, अपनी #मंज़िल पाना सीखो !
हर किसी को गले लगाने की दुनिया की अब रीत नहीं,
अजब लोग हैं दुनिया के, इनसे कुछ दूर भी रहना सीखो !
ये इश्क़ #मोहब्बत कारण हैं इन ग़म के झंझावातों के,
रहना है तुमको अगर सुखी, तो कुछ तन्हा भी रहना सीखो !
मत रखो गुवारों को अंदर नहीं तो फिर मुश्किल होगी,
पर घर की बातें बाहर नहीं, उन्हें घर के अंदर रखना सीखो ...
आती है याद उनकी, जैसे ही शाम ढलती है !
रोता है दिल, जब सितारों की शमा जलती है !
हर आहट पे चोंक जाता है ये बेक़रार दिल,
जब आँगन के पार, ज़रा सी भी हवा चलती है !
कौन है वो ये सच है या फिर #सपना है कोई,
क्यों #दिल की धड़कन, उसे अपना समझती है !
ये #प्यार है या दिल का कोई धोखा है दोस्तो,
अनजान के लिए ये रूह, क्यों इतना तड़पती है !
अपने दर्दे दिल से अब सिहरने लगा हूँ मैं
खुद की ही खोदी कब्र में गिरने लगा हूँ मैं
बहुत ख्वाब देखे सब को अपना बनाने के
पर लोगों की हक़ीक़त समझने लगा हूँ मैं
अपनों की बेरुखी अब संभलती नहीं यारो
अब तो मोहब्बतों से भी सहमने लगा हूँ मैं
दिली ख्वाहिशे तो मर चुकी है अब दोस्तो
अब चाहतों की गलियों से बचने लगा हूँ मैं
जिसने भी चाहा सिर्फ मतलब के लिए,
अब लोगों की असलियत परखने लगा हूँ मैं
ज़िंदगी का ये #सफर, तमाम अब होने को है
गुज़र गया ये दिन भी, शाम अब होने को है
बहुत दौड़ा हूँ मैं इन पथरीली राहों पे दोस्तो,
लगता है आंसुओं को, आराम अब होने को है
जायेगा छूट पीछा दुनिया के रंजोगम से अब,
हर शख्स को, आखिरी सलाम अब होने को है
बहुत #दिल दुखाया है लोगों ने बन कर अपना,
खुदाया उनका इंतक़ाम, तमाम अब होने को है
सोचा न था कि होगी ऐसे बसर ज़िन्दगी,
लो अच्छा हुआ कि पूरा, इंतज़ाम अब होने को है