Shanti Swaroop Mishra

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Intzaar thama kar chala gya

बस आँखों को इंतज़ार थमा कर चला गया कोई
वादा निभाने का वादा थमा कर चला गया कोई
सुनसान हो गया महफ़िलों का चमन भी अब तो
ज़िन्दगी को तन्हाईयाँ थमा कर चला गया कोई
कभी उसी से महकता था मेरे मन का ये उपवन
दर्द ए दिल की हर दवा छुपा कर चला गया कोई
चले थे साथ मिल कर कभी खुशियों की राह में
मंज़िल से पहले ही रंग दिखा कर चला गया कोई...

Apne dam par jiyo

अपने दम पर जीने का, अहसास जुदा होता है
कोई दे या न दे साथ, उसके साथ ख़ुदा होता है
मांगने से नहीं मिलतीं खुशियां कभी भी,
मिल भी जाएँ तो उससे, किसका भला होता है
टूटे हुए #दिल को और मत तोड़ो दोस्तो,
कभी न कभी हर शख्स का, वक़्त बुरा होता है
अपनी तबाही का शिकवा किसी से क्या करें,
मिलता तो वही है, जो मुकद्दर में लिखा होता है...

Har Mushkil Mein Sath

चोट लगती है हमको मगर रोती है मां
हर मुसीबत में #दिल के क़रीब होती है मां...
हम भले ही खुशियों में भूल जायें उसको
पर हर मुश्किल में हमारे साथ होती है मां...

Log Bhi Patthar Dil

दिल के ज़र्रे ज़र्रे पे, आंसुओं से इबारत लिखी है हमने
यादों के कोरे कागज़ पे, हर शिकायत लिखी है हमने
पत्थरों के मकानों में लोग भी पत्थर दिल हैं "मिश्र",
इस दुनिया ने निभायी कैसे, वो अदावत लिखी है हमने

Ye Zindagi Unke Bina Nahi

अब वो दुनिया नहीं, वो दुनियादारी नहीं
जो बदल जाये, वो #किस्मत हमारी नहीं
कहने को सब कुछ अपना सा दिखता,
मगर कोई भी चीज़, इसमें हमारी नहीं
वो छोड़ जाएँ हमको ये है उनकी रज़ा,
पर उनके बिन, ये #ज़िन्दगी हमारी नहीं
बहुत ज़ुल्म झेले हैं #जीवन के सफर में,
अब और झेल पाएं, हिम्मत हमारी नहीं...