मोहब्बतों में दिल, लुटाना मेरी आदत है,
हर दर्द को सीने में, छुपाना मेरी आदत है !
कोई खून भी कर दे तो किसी का दोष क्या,
यारो क़ातिलों को घर, दिखाना मेरी आदत है !
कर लेता हूँ यक़ीं सब पर मैं आँखें मूँद कर,
हर किसी को राज़े दिल, बताना मेरी आदत है !
जानता हूँ कि डूब सकता हूँ गहरे दरिया में,
मगर इन जोख़िमों को, उठाना मेरी आदत है !
ये न समझो कि कोई भी ग़म नहीं मुझे यारो,
पर क्या करूँ खुशियाँ, जताना मेरी आदत है !
मत समझ लेना कि मैं नाकारा कायर हूँ ,
बस दुश्मनों से भी प्यार, पाना मेरी आदत है !
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