खुशबू का असर तो, हवाओं में बिखर जायेगा
क्या सोचा है कभी, वो टूटा फूल किधर जायेगा
बस कुचल देगा जमाना उसे बासी समझ कर,
खुशियों का प्रतीक पुष्प, मिट्टी में बदल जायेगा

अपने लिये मिटा देते हैं औरों की खुशी लोग,
जब बीतेगी कभी अपने पर, तब समझ आयेगा
मत बनो तुम किसी की खुशी के दुश्मन,
वर्ना खुदा का कहर, तुम पर भी बरस जायेगा

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