hindi shayari status

कैसे कटेगी ज़िन्दगी, यूं उजड़ा चमन लिए हुए,
चेहरे से उड़ती हवाइयां, दिल में रुदन लिए हुए !
ज़रा ठंडा करो इन नफरतों के शोलों को दोस्तो,
वरना न जी सकेगा शहर, इतनी तपन लिए हुए !
अय तितलियों मत जाइये गुलशन में आजकल,
अब उधर तो सिर्फ कांटे हैं, अपनापन लिए हुए !
मैं तो घुसा था इस शहर में खुशियों की तलाश में,
मगर बैठे हैं इधर भी लोग, दिल में टशन लिए हुए !
लगा दी ज़िन्दगी हमने जिसकी ज़िन्दगी के वास्ते,
अब लगा कर घात बैठा है, मेरा कफ़न लिए हुए !
किस किस को सुनाओगे दिल के अफ़साने दोस्त,
यूं कैसे जियोगे तुम इधर, ये मैला सा मन लिए हुए !!!

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