वक़्त के साथ, लोगों की फ़ितरत बदल जाती है
शौहरत के साथ, लोगों की चाहत बदल जाती है
एक वक़्त था कि #मुस्करा के उठते थे सुबह हम,
आज उठते हैं तो, चेहरे की रंगत बदल जाती है
दिखती हैं खड़ी मुसीबतें मुंह बाये सामने रोज़,
दिन ढलते ढलते, चेहरे की हालत बदल जाती है
सुबह जो खाते हैं ईमान ओ वफ़ा की कसम यारो,
सुबह से शाम होते, उनकी नीयत बदल जाती है
बिगड़ जाते हैं रिश्ते इस जुबाँ के तीरों से,
इनकी तीखी चुभन से, उनकी सूरत बदल जाती है...

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