जो दर्द में जिया है, वो प्यार को भला क्या समझे
जो अंधेरों में पला है, उजालों को भला क्या समझे
जो न सीख पाया ज़िंदगी जीना इस दुनिया में,
वो ज़िंदगी की बिसात की, गोटों को भला क्या समझे...
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जो दर्द में जिया है, वो प्यार को भला क्या समझे
जो अंधेरों में पला है, उजालों को भला क्या समझे
जो न सीख पाया ज़िंदगी जीना इस दुनिया में,
वो ज़िंदगी की बिसात की, गोटों को भला क्या समझे...