महफ़िल में हँसना तो हमारा मिज़ाज़ बन गया,
तन्हाई में रोना एक राज़ बन गया...
#दिल के दर्द को चेहरे से ज़ाहिर ना होने दिया,
यही #ज़िन्दगी जीने का अंदाज़ बन गया !!!

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