क्यों डरे कि ज़िन्दग़ी में क्या होगा,
हर वक़्त क्यों सोचे कि बुरा होगा,,,
बढ़ते रहे बस मंज़िलो की ओर,
हमे कुछ मिले या ना मिले,
तज़ुर्बा तो नया होगा !!!

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