Hum Izhar Kar Na Sake
Hum Ne Chaha Bahut Par Izhar Kar Na Sake,
Kat Gai Umar Par #Pyar Kar Na Sake,
Usne Mangi Bhi To Humse Judai Mangi,
Aur Hum The Ke Inkar Kar Na Sake....
Hum Ne Chaha Bahut Par Izhar Kar Na Sake,
Kat Gai Umar Par #Pyar Kar Na Sake,
Usne Mangi Bhi To Humse Judai Mangi,
Aur Hum The Ke Inkar Kar Na Sake....
उनके बिन ये घर मेरा, वीरान बन कर रह गया
मेरे दिल का हर कोना, सुनसान बन कर रह गया
कभी उनके प्यार से जगमग थीं यहाँ महफिलें,
आज वो बस अंधेरों का, सामान बन कर रह गया
ख़्वाब बन कर रह गयीं गुलशन की वो खुशबुएँ,
दिल मेरा बिन फूल का, गुलदान बन कर रह गया
मेरा तो बस नाम था, कभी उनके ही नाम से,
उनके बिन अब नाम भी, बे नाम बन कर रह गया
हर वक़्त रहते थे हम जिनके चेहरे की चमक में,
अब उनका दीदार तो बस, अरमान बन कर रह गया
तेरे सिवा इस दुनिया में, मेरा अपना कुछ भी नहीं
मेरी अपनी झोली में, यादों के अलावा कुछ भी नहीं
उपहास बनाती मौत मेरा कहती है वो आ आ कर,
तू ही बता ले जाऊँ क्या, तुझमें तो अब कुछ भी नहीं
मै तो हारा अपना दिल पाने के लिये तुझको लेकिन,
तूने तो दिल ही तोड़ दिया, इसके अलावा कुछ भी नहीं
कहने को तो सब कुछ है बे शक इस दुनिया में मगर,
तू ही नहीं है पहलू में, तो सब कुछ होना कुछ भी नहीं...
ज़ख्मों का दर्द, छुपा के देख लिया हमने
अपने ज़िगर को, जला के देख लिया हमने
किसी को ग़म नहीं हमारे रंज़ ओ गम का
अपना आशियाँ, जला के देख लिया हमने
अब तो देखने को नहीं बाक़ी बचा कुछ भी,
बर्बादी का राज़, सब को बता दिया हमने
वो हमारे बन कर भी हमसे दूर हो गये,
उनके अनेक चेहरों को, देख लिया हमने
कोई बिसात नहीं हमारी उनकी नज़रों में,
उनकी बेवफाई का आलम, देख लिया हमने
कोई फ़र्क़ उनकी बेवफा नज़रों में न दिखा,
उनके मोहल्ले में, जाकर देख लिया हमने
ज़िंदगी तेरे हर कदम पे रोना आया
तेरे सफर की हर डगर पे रोना आया
कैसे जिया हूँ अब तक ये खुदा जाने,
आज उसके भी करम पे रोना आया
कभी मुकद्दर तो कभी वक़्त से गिला,
मुझे तो तेरे हर भरम पे रोना आया
नचाया है खूब अपने इशारों पे मुझे,
मुझे तो मेरी बदनसीबी पे रोना आया
कहते हैं कि ज़िंदगी हसीन होती है,
पर मुझे तो तेरे हुस्न पे रोना आया
इसके चंगुल में ऐसा फंसा हूँ दोस्त,
कि मुझे तो अपने जीने पे रोना आया...