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Meri daastan mat kehna

उल्फ़त के मारों से, मेरी दास्तां मत कहना
कभी तलबगारों से, मेरी दास्तां मत कहना
कहीं निकल न जाएं उनकी आँखों से आंसू,
कभी भी अपनों से, मेरी दास्तां मत कहना
मैं मोहब्बत और दोस्ती का कायल हूं यारो,
कभी भी दुश्मनों से, मेरी दास्तां मत कहना
बस ये अंधेरा ही मेरा मुकद्दर है अब तो,
कभी भी रोशनी से, मेरी दास्तां मत कहना
कहीं मेरे दर्द से न बिखर जाएँ वो भी,
इन हसीन वादियों से, मेरी दास्तां मत कहना
हम तो निकल जायेंगे लम्बे सफ़र पर यारो,
कभी भी इन राहों से, मेरी दास्तां मत कहना...

Wo mere hamraz hote the

मैं कैसे भूल जाऊँ ये, वो कभी हमराज़ होते थे
वाह क्या बात थी उनमें, निराले अंदाज़ होते थे
वक़्त ने ये क्या सितम कर दिया हम पर,
खो गये वो शब्द उनके, जो मेरी आवाज़ होते थे...

Jab Aakhri Khat Mera Jalaya Hoga

Lafj Kitne Tere Pairon Niche Bhikhre Honge
Tune Jab Aakhri Khat Mera Jalaya Hoga
.
Jab Sukhe Phool Kitabo Se Nikale Honge
Tabb Dene Wala Bhi Tujhe Yaad Aaya Hoga...
 

Mohabbat ka ye dastoor hai

#मोहब्बत का, ये अजब दस्तूर होता है
जिसको #दिल दो, वही हमसे दूर होता है
दिल भले ही काँच का नहीं होता यारो,
फिर भी टूट कर, वो चकना चूर होता है....

Dil toota kabhi sapne bikhre

कभी दिल टूट गया, तो कभी सपने बिखर गये
कभी गैरों की कशमकश में, अपने बिखर गये
टुकड़ों में ज़िंदगी जी है मैंने अब तक,
इन टुकड़ों को बटोरने में, सारे अरमां बिखर गये