Yun Hi Zindagi Guzar Gayi
रिसते हुए ज़ख्मों को संभालते, ज़िंदगी गुज़र गयी
इसकी टोपी उसके सर उछालते, ज़िंदगी गुज़र गयी
#दिल को कहाँ करार था कि प्यार भी करते हम,
यूं ही अपनों के रिश्ते संभालते, #ज़िंदगी गुज़र गयी...
रिसते हुए ज़ख्मों को संभालते, ज़िंदगी गुज़र गयी
इसकी टोपी उसके सर उछालते, ज़िंदगी गुज़र गयी
#दिल को कहाँ करार था कि प्यार भी करते हम,
यूं ही अपनों के रिश्ते संभालते, #ज़िंदगी गुज़र गयी...
जहाँ जुबां चुप रहती है, आंसू बयाँ कर जाते हैं
वो बहते बहते भी, दर्द ए दिल बयाँ कर जाते हैं
इन आँसुओं की तकदीर भी अजीब है,
बहते हैं उनके लिये, जो दिल से दगा कर जाते हैं...
Naa to samander se pyas bhujhti hai
Aur na hi aansu piye jate hain.
lagi ho aag #Dil me jab
Tab sirf mainkhane kaam aate hain...
फिर उसी कशमकश ने घेरा है!
फिर वही आज हाल मेरा है!
बेशक जमाना हुआ तुमसे मिले हुए!
पर आज भी जहन में ख्याल तेरा है !!!
mat pucho mere dard ki inteha mujhse
ye wo samandar hai jis me jahan kho jaata hai
Laut ta hai to khud ko bhi bedard pata hai
aur apni hi pehchaan bhul jaata hai...