Waqt Galat Nahi Hota
सही करने के लिए,
कोई भी वक्त गलत नहीं होता है,
और गलत करने के लिए,
कोई भी वक़्त सही नहीं होता है...
सही करने के लिए,
कोई भी वक्त गलत नहीं होता है,
और गलत करने के लिए,
कोई भी वक़्त सही नहीं होता है...
हर कोई हर किसी में, कसूर ढूंढता है।
न मिलता है गर पास, तो दूर ढूंढता है।
न झांकता है इंसान अपने दिल में यारो,
मगर खामियाँ दूसरों में, ज़रूर ढूंढता है।
छुपा लेता है ये आदमी ज़ख्म अपने तो,
पर नोचने को औरों के, नासूर ढूंढता है।
छुप गयी है ज़िंदगी आफतों की धूल में,
दिल फिर भी ज़र्द चेहरों में, नूर ढूंढता है।
न समझ पाए आदमी की तलब को,
न देखता शक्ल अपनी, पर हूर ढूंढता है।
प्यासी ये निगाहें तरसती रहती हैं
तेरी #याद में अक़्सर बरसती रहती हैं...
हम तेरे खयालों में डूबे रहते हैं और
ये ज़ालिम दुनिया हम पर हंसती रहती हैं...
Banane Wale Ne Bhi Tujhe
Kisi Kaaran Se Banaya Hoga,,,
Choda Hoga Jab Zameen Par Tujhe
Uske Seene Mein Dard To Aaya Hoga...