Shanti Swaroop Mishra

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Saamne beeti kahani aa gayi

वो आये मेरे घर, जैसे रवानी आ गयी
मायूस #दिल में, फिर से जवानी आ गयी
अफसोस बिना मिले ही चले गये वो,
#ज़िंदगी में इकदम, जैसे वीरानी छा गयी
चैन के कुछ पल भी मयस्सर न हुए
फिर से मेरे सामने बीती कहानी आ गयी...

Kabhi to bahaar aayegi

गर मुक़र्रर की है सज़ा उसने, तो कोई बात नहीं
उसकी दी हर सज़ा हम सह लेंगे, कोई बात नहीं
हमें ग़म नहीं कि उजाड़ है ज़िंदगी हमारी,
कभी न कभी तो आयेगी बहार, कोई बात नहीं...

Wo Aane Wale Hain Shehr Mein

अब ज़िंदगी बनाने का समय आ गया है
अब अरमां सजाने का समय आ गया है
ये ख़बर है कि आने वाले हैं वो शहर में
अब तो करीब आने का समय आ गया है
न जाने मेरे दिल में क्या क्या ज़ब्त है
वो सब कुछ सुनाने का समय आ गया है
कितनी चोट खाई है इस दिले नादान ने
अपने ज़ख्म दिखाने का समय आ गया है
नहीं हुए दीदार तो तौहीन होगी इश्क़ की
अब #मोहब्बत बचाने का समय आ गया है...

Apne bhi zehar bhar jate hain

जग में ऐसे लोग भी हैं, दिल में उजियारा कर जाते हैं
कुछ अपनी दी चोटों से, मन में अंधियारा भर जाते हैं
बुरे वक़्त में साथ निभाते गैरों को देखा है अक्सर,
पर बनते थे जो अपने कभी, घोर निराशा भर जाते हैं
अपनापन तो खत्म हो गया मतलब परस्त ज़माने में,
अपने तो मौका मिलते ही, जीवन में ज़हर भर जाते हैं...

Har Lamha Sirf Uska Chehra

तन्हाँ बैठ कर तो, हर कोई याद आता है
एक भूलता है तो, कोई और याद आता है
सच्ची #मोहब्बत तो उसी से होती है यारो,
जो भीड़ के होते भी, हर पल याद आता है...
न चैन दिन को न रातों में नींद आती है,
हर लम्हां सिर्फ उसका, चेहरा याद आता है
न रहती खाने की सुध न जीने की लगन,
हर लम्हां उसको, पाकर खोना याद आता है...