हर किसी को दिल की चाहत मत समझ लेना
उसको अपनी आखिरी मंज़िल मत समझ लेना
कहीं हंस कर मिलना फितरत न हो किसी की
इस आदत को प्रेम की फुहार मत समझ लेना
मोहब्बत तो दो दिलों की तपिश है दोस्तो
इसे बाज़ार से खरीदा सामान मत समझ लेना
गर वफा है दिल में तभी आगे बढना "मिश्र"
वरना #मोहब्बत को मनोरंजन मत समझ लेना...
सीने में ज़ज़्बात नहीं, तो जीने का मतलब क्या है
बिन मोहब्बत के ज़िंदगी, बिताने का मतलब क्या है
चाहत के मंदिर में गर मुराद न हो सके पूरी,
तो मोहब्बत की नगरी में, रहने का मतलब क्या है
गर दिलों में दर्द और आँखों में आंसू है प्यार,
तो फिर #मोहब्बत खुदा है, कहने का मतलब क्या है
कुछ नहीं नसीब में, गर तू नहीं है
ये ज़िंदगी बेकार है, गर तू नहीं है
आये हैं दुनिया में सिर्फ तेरे लिये,
मेरा कोई वज़ूद नहीं, गर तू नहीं है
मुस्कराते हैं फूल भोंरों के लिये,
मैं कैसे मुस्कराऊं, गर तू नहीं है
खुदा ने दिये हैं चंद लम्हें बस,
बुला लेगा वो वापस, गर तू नहीं है
मुसाफिर हूँ दोस्तो, अपनी राह चला जाऊँगा
अकेला था सफर में मैं, अकेला चला जाऊँगा
छोड़ जाऊँगा शब्दों की धरोहर अपनों के लिये,
खाली हाथ आया था, खाली हाथ चला जाऊँगा
कितने रिश्ते बना लिये इस ठहराव में मैंने,
मैं उनको बसा कर दिल में, बस चला जाऊँगा
दोस्तो मुसाफिर का काम है बस चलते जाना,
आज मैं यहाँ हूँ, कल कहीं और चला जाऊँगा...