Shanti Swaroop Mishra

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Tum To Zalim Nikle

तुम तो बड़े ज़ालिम, दिले नाशाद निकले ,
समझा मासूम परिंदा, पर सय्याद निकले !
सोचा कि तड़पता होगा तुम्हारा भी दिल,
मगर तुम तो दिल से, निरे फौलाद निकले !
हंसी ख्वाबों को सजाया था जतन से हमने,
मगर ये किस्मत के लेखे, नामुराद निकले !
लगा दीं तोहमतें हज़ार तुमने हम पर दोस्त,
पर हम पर लगे इल्ज़ाम, बेबुनियाद निकले !
हम तो आये थे इधर, खुशियों की तलाश में
मगर जिधर भी निकले, हो के बर्बाद निकले !!!

Dil Ki Ye Dhadkan

Dil Ki Ye Dhadkan hindi shayari status

अपने जज़्बात किसी को, हम बताएं कैसे
अपने दिल 💗 की ये धड़कनें, हम सुनाएँ कैसे !
अंदर छुपा रखा है हमने प्यार का समंदर,
चीर कर अपने दिल को 💔, हम दिखाएँ कैसे !
कोई तो बताये हमको क्या खता है हमारी,
अपनी वफ़ाओं का मातम, हम मनाएं कैसे !
अच्छा सिला दिया है मोहब्बत का हमको,
इन झूठी तोहमतों से दामन, हम बचाएं कैसे !
अब झूठ ही बिकता है इधर धड़ल्ले से दोस्त,
अब तो सच के साथ जीवन, हम बिताएं कैसे ! 😔 🙁

Zindagi udhaar samajh kar

जीते रहे हैं ज़िन्दगी, किसी का उधार समझ कर ,
निभाते रहे हम रिश्ता, किसी को प्यार समझ कर !
देते रहे सबूत हम अपनी बेगुनाही का हर समय,
पर भुला दिया उसने, हमें गुज़री बहार समझ कर !
बदल गया है सब कुछ ये तो किस्मत की चाल थी,
मगर नज़रें घुमा लीं उसने, हमें बदकार समझ कर !
न पढ़ सके हम उसके चेहरे की इबारत को दोस्तो,
हमने तो दे दिया था दिल, अपना ऐतबार समझ कर !
अब तो ये मोहब्बत भी एक बिकाऊ चीज़ है दोस्त ,
लोग कर देते हैं माल वापस, उसे बेकार समझ कर !

Bura Waqt Aata Hai To

Bura Waqt Aata Hai To hindi shayari status

आता है बुरा वक़्त, तो उजाले भी डराने लगते हैं ,
यारो चूहे भी शेर को, अपना दम दिखाने लगते हैं !
अब कहाँ हैं वो लोग जो होते थे शरीक हर ग़म में,
अब तो दिल ही दिल, लोग खुशियां मनाने लगते हैं !
गर लेनी हो सलाह तो कही जाने की ज़रुरत क्या है,
इधर तो मुफ्त में लोग, अपनी अक्ल लगाने लगते हैं !
भुगतना है खुद को ही तो किसी को तंग क्या करिये,
लोग तो ज़रा सी बात का भी, बतंगड़ बनाने लगते हैं !
आता है अगर पतझड़ भी तो बहारें भी आती हैं दोस्त,
मगर बेसब्र इतने हैं लोग, कि कोहराम मचाने लगते हैं !

TO KYA KAROON

गर सताएं उनकी यादें, तो क्या करूँ,
गर चाहूँ उनसे मिलना, तो क्या करूँ!
हो सकती है मुलाक़ात ख्वाबों में बस,
मगर न सोएं मेरी आँखें, तो क्या करूँ!
कहते हैं लोग कि खुश रहा करो दोस्त,
मगर न मचले मेरा दिल, तो क्या करूँ!
कहते हो कि भूल जाओ गुज़रा ज़माना,
पर न निकलें दिल से बातें, तो क्या करूँ!
अरमां तो हैं मेरे भी कि खुश रहा जाये,
मगर दिल से न निकलें ग़म, तो क्या करूँ!
ये चाहत है मेरी कि न हो दुश्मनी उनसे,
मगर न बदले उनकी, आदत तो क्या करूँ!!!