Shanti Swaroop Mishra

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Chehre Pe Bebasi

उनके चेहरे पे, हमने बेबसी देखी है,
मासूम सी आँखों में, बेकसी देखी है!
पहले न थी कभी ऐसी हालत उनकी,
अपने ग़मों में में,डूबी बेकली देखी है !
बहुत ढूँढा मगर न मिला उनसा कोई,
हमने भी शहर की, हर गली देखी है!
हमारे ग़मों को भले ही टाल दे कोई,
मगर औरों के लिए, खलबली देखी है!
न समझना कि कोई फरिश्ता हैं हम,
दोस्तो हमने भी, दिल की लगी देखी है !

Kaise Kategi Zindagi?

Kaise Kategi Zindagi? hindi shayari status

कैसे कटेगी ज़िन्दगी, यूं उजड़ा चमन लिए हुए,
चेहरे से उड़ती हवाइयां, दिल में रुदन लिए हुए !
ज़रा ठंडा करो इन नफरतों के शोलों को दोस्तो,
वरना न जी सकेगा शहर, इतनी तपन लिए हुए !
अय तितलियों मत जाइये गुलशन में आजकल,
अब उधर तो सिर्फ कांटे हैं, अपनापन लिए हुए !
मैं तो घुसा था इस शहर में खुशियों की तलाश में,
मगर बैठे हैं इधर भी लोग, दिल में टशन लिए हुए !
लगा दी ज़िन्दगी हमने जिसकी ज़िन्दगी के वास्ते,
अब लगा कर घात बैठा है, मेरा कफ़न लिए हुए !
किस किस को सुनाओगे दिल के अफ़साने दोस्त,
यूं कैसे जियोगे तुम इधर, ये मैला सा मन लिए हुए !!!

Zindagi Ke Safar Mein

ज़रा सी है ये ज़िन्दगी, तक़रार क्या करना !
जब रहना है साथ साथ, तो रार क्या करना !
दुखित है वैसे भी मन, तमाशे देख दुनिया के,
फिर भरे बाज़ार में, तमाशा यार क्या करना !
काट लो खुशियों से, बची है जो ज़िंदगी यारो,
इसके लिए भी यूँही, नख़रे हज़ार क्या करना !
झेली हैं हमने मुश्किलें, वह अपना करम था ,
अपने लिए किसी और को, लाचार क्या करना !
न जीत पाया कोई भी, इन नफरतों के खेल में,
ज़िंदगी के सफर में, किसी पे वार क्या करना !

Zindagi besura raag ban gayi

ज़िंदगी तो बेसुरा, एक राग बन गयी,
जीने की तमन्ना, अब राख बन गयी !
हम हम न रहे तुम तुम न रहे दोस्त,
वो अधूरी दास्तां, बस याद बन गयी !
#मोहब्बत के चराग बुझ चुके कब के,
वो चाहत अंधेरों की, सौगात बन गयी !
न आएँगी बहारें अब लौट कर कभी,
ज़िन्दगी सूखा हुआ सा, पात बन गयी !
मांगेंगे लोग तो क्या जवाब दोगे दोस्त,
क्यों अच्छी भली बात, बेबात बन गयी !!!

Hasrat Abhi Baqi Hai

राख हूँ मैं बेशक मगर, फ़ितरत अभी बाक़ी है,
दिखा सकता हूँ जलवे, हिम्मत अभी बाक़ी है!
न समझो कि मैं डर गया दुनिया के अंधेरों से,
यारो चराग़ों के बुझने में, वक़्त अभी बाक़ी है!
न करना किसी से ज़िक्र मेरे बिगड़े हालात का,
दुनिया की नज़र में मेरी, इज़्ज़त अभी बाक़ी है !
न बदली है न बदलूंगा मैं अपनी फ़ितरत यारो,
मेरे दिल के हर कोने में, मोहब्बत अभी बाक़ी है !
सिरफिरा हूँ दोस्तो कि ढूढ़ता हूँ पत्थरों में जान,
उन्हें भी दोस्त बनाने की, हसरत अभी बाक़ी है !!!