Shanti Swaroop Mishra

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Na Samajh Paye Hum

Na Samajh Paye Hum hindi shayari status

रह के भी साथ उनके, न समझ पाए हम,
दिल की कालिखों को, न परख पाए हम !
भला क्या करें हम उस से गिला शिकवा,
जिसको #दिल से अपना, न समझ पाए हम !
बड़ा गरूर था हमें अपनी परख पर यारो,
पर उसके दिल की इबारत, न पढ़ पाए हम !
कहने को तो दुनिया बड़ी हसीन है दोस्तो,
मगर जीने का करिश्मा, न समझ पाए हम !
#ज़िन्दगी फंसी है फरेबों में इस क़दर कि,
कोई निकलने का रस्ता, न समझ पाए हम !!!

Rishta Barbaad Kar Diya

तूने खुशुबुओं का रिश्ता, बर्बाद कर दिया,
इक हरे भरे से चमन को, उजाड़ कर दिया !
तेरी हर ख़ुशी में लटके थे जो हार बन कर,
मुस्कराते उन फूलों को, तूने कबाड़ कर दिया !
जो खुश थे तेरी बुलंदियों को देख कर दोस्त,
ख़ुदारा उन्हीं के #दिल पर, तूने वार कर दिया !
जिसका सहारा लेकर पहुंचा तू इतना ऊंचा,
उसी को धक्का मार कर, तूने बेराह कर दिया !
ये कैसा दस्तूर ओ ज़मीर है तेरा अय दोस्त,
कि खून के रिश्तों को, तूने लाचार कर दिया !!!

Ye Toofan Guzar Jaye

ये रात गुज़र जाए तो चले जाइएगा,
न रहे कोई अरमां तो चले जाइएगा !
बहुत बेचैन रहता है ये नादान दिल,
मैं समझा बुझा लूँ तो चले जाइएगा !
न जाने कितनी यादें बसी हैं दिल में,
उनको मैं भूल जाऊं तो चले जाइएगा !
मुद्दत के बाद तो आये हो तुम दोस्त,
ज़रा गुफ़्तगू कर लूँ तो चले जाइएगा !
ये कैसी है तड़प कैसी है हलचल दोस्त ,
ये तूफ़ान गुज़र जाए तो चले जाइएगा !

Yaad Dilane Chale Aate Hain

कैसे हैं ये मौसम, जो सताने चले आते हैं,
फिर से #याद उनकी, दिलाने चले आते हैं !
कभी इतराते हैं #मोहब्बत के हसीन लम्हें,
कभी नफरतों के पल, रुलाने चले आते हैं !
पहले देते हैं लोग ग़मों का ज़हर खुद ही,
और बाद इसके, शोक जताने चले आते हैं !
कैसी है ये दुनिया और कैसे हैं लोग इसके,
कि #दिल जलों के, दिल जलाने चले आते हैं !
अफ़सोस कि न देखता कोई भी घर अपना,
मगर औरों का घर, वो जलाने चले आते हैं !
सब जानते हैं "मिश्र" कि ज़रा सी है ज़िंदगी,
फिर भी आग इसमें, वो लगाने चले आते हैं !!!

Wo Namak Lagane Aaya Tha

मैंने तो समझा कि, दर्द बंटाने आया था,
लगा कि दुःख में, साथ निभाने आया था !
दिखाए थे ज़ख्म सारे मरहम की आस में,
पर वो #बेवफा तो, नमक लगाने आया था !
चढ़ा दिया हमको बिना पतवार कश्ती पर,
और हम समझे कि, पार लगाने आया था !
पानी से भरी गागर फोड़ दी उसने यूं ही,
हम समझ बैठे कि, प्यास बुझाने आया था !
न समझ पाए हम इस दुनिया को अब तक,
वो था कि दस्तूर-ए-जफ़ा, निभाने आया था !!!