तूने खुशुबुओं का रिश्ता, बर्बाद कर दिया,
इक हरे भरे से चमन को, उजाड़ कर दिया !
तेरी हर ख़ुशी में लटके थे जो हार बन कर,
मुस्कराते उन फूलों को, तूने कबाड़ कर दिया !
जो खुश थे तेरी बुलंदियों को देख कर दोस्त,
ख़ुदारा उन्हीं के #दिल पर, तूने वार कर दिया !
जिसका सहारा लेकर पहुंचा तू इतना ऊंचा,
उसी को धक्का मार कर, तूने बेराह कर दिया !
ये कैसा दस्तूर ओ ज़मीर है तेरा अय दोस्त,
कि खून के रिश्तों को, तूने लाचार कर दिया !!!

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