Shanti Swaroop Mishra

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Rishton ko Aham kha gya

किसी के वर्षों से टिके रिश्तों को, अहम् खा गया,
तो किसी को अपनी सौहरत का, टशन खा गया !
न कोई भी तैयार है झुकने को अपनी गलती पे,
बस हर किसी को ख़ुदा होने का, भरम खा गया !
अब बहाते हैं अपनी बर्बादियों पर वो आंसू मगर,
सच तो ये है कि उनको उनका ही, करम खा गया !
बो दिए हैं विष बीज इस क़दर आदमी ने यारो,
कि चमन की फ़िज़ाओं को, उल्टा चमन खा गया !

Dushman Yaar Ho Gye

जो कभी दुश्मन थे, अब वो उनके यार हो गए,
हर मुश्किल में दिया साथ, हम बेकार हो गए !
कभी खाते थे वो कसमें हमारे नाम की दोस्तो,
मगर उनके लिए अब हम, गुज़री बहार हो गए !
कभी होती थी गुफ़्तगू हमारे अंदाज़ की दोस्तो,
हम वही हैं मगर, उनके लिए अब गंवार हो गए !
मतलब से बनते बिगड़ते हैं ये रिश्ते अब ज़नाब,
अब रिश्ते भला रिश्ते कहाँ, बस व्यापार हो गए !
मुकद्दर भी कैसे बदलता है अपनी करवटें दोस्त,
कि कल तक थे मददगार, अब गुनहगार हो गए !

Dard sunane nahi jata

मैं किसी के दर पर, सर झुकाने नहीं जाता !
मैं महफिलों में, अपना दर्द सुनाने नहीं जाता !
लेते हैं मज़े लोग औरों के बदहाल पर दोस्तो,
मैं किसी को, अपने ज़ख्म दिखाने नहीं जाता !

Chup Rehna Kamjori Nahi

मेरी चुप को, मेरी कमज़ोरी मत समझ लेना,
तुम अपने खयालात को, सच मत समझ लेना !
मैं सुनता हूं सभी की बात को दिल लगा कर,
जवाब न देपाना, मेरी मज़बूरी मत समझ लेना !
ये तो मेरी शराफत है कि सहता हूँ हर सितम,
मेरी इस आदत से, मुझे कायर मत समझ लेना !
मेरा तो ये उसूल है कि बात की जड़ समझूँ,
मेरे खयालात पर, मुझे पागल मत समझ लेना !
सिर्फ बातों के युद्ध में देखी हैं बर्बादियाँ मैंने,
मेरी इस बात को यारो, बे बात मत समझ लेना !
शब्दों की चोट तन पै नहीं दिल पै घाव करती है,
इस फ़लसफे को, कोरी बकबास मत समझ लेना !

Fursat nahi paas aane ki

फुर्सत नहीं किसी को भी हमारे पास आने की
बदल दी हैं सबने निगाहें लानत है ज़माने की
उसने भी आँखें फेर लीं जो दिल का अज़ीज़ था
न बची अब ख्वाहिशें किसी से दिल लगाने की
बहुत ज़हर पिया है इस नादान दिल ने दोस्तो
अब हिम्मत नहीं बची है ज़रा और भी पचाने की
अब आदत हो गयी है रहने की अंधेरों में दोस्त,
न जगती है कोई चाहत दिल में शमा जलाने की...