Shanti Swaroop Mishra

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Kuchh log khaas hote hain

कुछ लोग ज़िन्दगी में, बड़े ही ख़ास होते हैं !
हों दूर कितने भी मगर, दिल के पास होते हैं !
बदल दे वक़्त उनको चाहे कितना भी मगर,
दिल के हर कोने में, उनके अहसास होते हैं !
एक बड़ा सा नाटक है ये ज़िन्दगी भी दोस्तो,
कभी सुनते हैं तालियां, कभी निराश होते हैं !
गुज़रे हुए लम्हें कभी वापस नहीं आते,
लोग फिर भी यादों को सजाये, उदास होते हैं !

Zindagi Kaise Guzri

ना पूछिये कि ये ज़िन्दगी कैसे गुज़री
हमारी वो सहर ओ शाम कैसे गुज़री
मुद्दत गुज़र गयी यूं डूबते उछलते
ये तो दिल जानता है कि कैसे गुज़री
जो थे अपने गैरों से बदतर निकले
सोचो सितारों के बिन रात कैसे गुज़री
#मंज़िल तो थी मगर रस्ते न थे खाली
न पूछो कटीली वो रास्ता कैसे गुज़री
उम्र का ढलान है यादें ही यादें हैं
अब क्यों मरें सोच कर कि कैसे गुज़री !!!

Mujhko mila kuchh nahi

अपने बदनसीब का, मुझको गिला कुछ भी नहीं
पर मुश्किलों के सिवा, मुझको मिला कुछ भी नहीं
हीरे मोतियों में खेलने की चाहत न थी मेरी कभी,
पर मेरे सब्र का सिला, मुझको मिला कुछ भी नहीं
अब तो यूं ही खुश रहना सीख लिया है मैंने यारो,
हमेशा ग़मों में खो कर, मुझको मिला कुछ भी नहीं
अपनों की बेरुखी से दम घुटने लगा है अब,
उठाये नाज़ सबके मगर, मुझको मिला कुछ भी नहीं

Roothna saha nahi jata

हमसे नफरतों का बोझ अब सहा नहीं जाता
हमसे अपनों के फरेबों में अब रहा नहीं जाता
भुगती है उम्र भर बद गुमानियाँ लोगों की
हमसे किसी का मिज़ाज़ अब सहा नहीं जाता
एक मुद्दत गुज़र गयी उजाले की तलाश में
हमसे अंधेरों का ये मंज़र अब सहा नहीं जाता
कैसे जी लेते हैं लोग दुनिया में अकेले अकेले
हमसे तन्हाइयों में रहना अब सहा नहीं जाता
मनाते रहे ताजिंदगी हम रूठे हुओं को ,
हमसे किसी का यूं रूठना अब सहा नहीं जाता...

Patthar Dilon se pyar

यारो पत्थर दिलों से, कभी प्यार मत मांगो
अपने जिगर के लिए, पैनी कटार मत मांगो
जीना है गर प्यार से तो तन्हा जीलो मगर,
किसी के साथ जीने का, इख्तियार मत मांगो
न झेल पाओगे तुम इस #मोहब्बत के झटके,
तुम अपनी ज़िन्दगी का, खरीदार मत मांगो
कभी खिज़ाओं में बहार नहीं आती है,
#गुलशन के काँटों से, फूलों सा प्यार मत मांगो