ग़म देकर रुला देने की, आदत है उसकी
दूर खड़े खड़े मुस्काने की, आदत है उसकी
बस अजब से रंग दिखा कर ज़िंदगी को,
यूँ ही तमाशा दिखाने की, आदत है उसकी
मोहब्बत तो बस एक खेल है उसके लिए,
लोगों का दिल दुखाने की, आदत है उसकी
पकड़ के रखना अपनी तक़दीर को तुम,
झटके से दिल तोड़ देने की, आदत है उसकी...
गर मुझे मुकद्दर पे ऐतबार है तो तेरी वजह से
घर का गुलशन गर गुलज़ार है तो तेरी वजह से
आज दुनिया मेरी तलबगार है तो तेरी वजह से
मुझको अपनों से इतना प्यार है तो तेरी वजह से
तू ही बता दे कैसे भुला दूँ तुझको अय मेरे ख़ुदा
आज मेरी रगों में खून बरक़रार है तो तेरी वजह से
जब कभी मैं लड़खड़ाया बस तूने उठाया थाम कर
मेरा खुशियों से भरा ये संसार है तो तेरी वजह से
घायल है आदमी इस दुनिया की ठोकरों से बेशक
मगर फिर भी दिलों में क़रार है तो तेरी वजह से
जो न समझा कोई, वो ज़ज्बात हूँ मैं
सुबह की चाह में गुज़री, वो रात हूँ मैं
निभाने से डरते हैं क्यों लोग रिश्ते,
न बिखरे कोई रिश्ता, वो हालात हूँ मैं
हर सवाल का जवाब होता है मगर,
जो लाज़वाब हो बस, वो सवालात हूँ मैं
भागते हैं लोग क्यों छोड़ कर ज़िंदगी,
जो न कर सके कोई, वो करामात हूँ मैं
न सुनता है कोई किसी की बात,
मगर जो है सुनाने के लिए, वो बात हूँ मैं
तेरी मोहब्बत, मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा है
तेरी #मुस्कान, मेरी ज़िन्दगी का किस्सा है
न तौल मोहब्बत को लफ़्ज़ों के पैमाने से,
ये तो दिल का दिल से, बंदगी का रिश्ता है
न सोचना ख़्वाब में भी कि अकेले हो दोस्त,
अब हर पल संग तेरे, मौजूदगी का रिश्ता है
बदल जाये वक़्त पर हम न बदलेंगे दोस्त,
वक़्त से अलग, ये तो #दीवानगी का रिश्ता है
दिल खुश नहीं, तो ज़माना बुरा लगता है
किसी का भी हमें, घर आना बुरा लगता है
छा जाती है एक अजीब सी धुंध दिल पे,
मधुर संगीत का, हर तराना बुरा लगता है
जब दिल होता है किन्हीं ख़यालों में ग़ुम,
तो ज़िंदगी का, हर अफ़साना बुरा लगता है
हार जीत तो बस एक सोच भर है,
पर किसी हारे हुए को, हराना बुरा लगता है...