Shanti Swaroop Mishra

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Hum to intzaar karte rhe

जिनके लिए ज़िन्दगी, तार तार करते रहे
वो हमारे दिल से सिर्फ, व्यापार करते रहे
गैरों ने भी न चाहा कि न रहें हम दुनिया में,
मगर वो हमारी मौत का, इंतज़ार करते रहे
पता न था कि #प्यार की भी कीमत होती है,
हम तो मुफ्त में ही #दिल, बे क़रार करते रहे
आरज़ू न थी कि अपने दर्द बताएं किसी को,
चुपचाप ग़मों का दरिया हम, पार करते रहे
या ख़ुदा क्या मिला तुझे हमें ज़मीं पै लाकर,
हम तो #ज़िन्दगी भर जीने का, इंतज़ार करते रहे
 

Dil Dukhana Achha Nahi

चरागों का रात भर जलना, हमें अच्छा नहीं लगता
किसी का यूं कलेजा फूंकना, हमें अच्छा नहीं लगता
क्यों विवस करते हैं लोग किसी को जलने के लिए,
यूं रात भर तारों का गिनना, हमें अच्छा नहीं लगता
फूलों के साथ काँटों को क्यों लगा दिया तूने ख़ुदा,
इस तरह काँटों का चुभना, हमें अच्छा नहीं लगता
आये थे इस दुनिया में मुस्करा कर जीने के लिए,
पर इस तरह रो रो के जीना, हमें अच्छा नहीं लगता
हम खुद तो सह सकते हैं हज़ारों रंज़ो गम लेकिन,
किसी और का दिल दुखाना, हमें अच्छा नहीं लगता

Kabhi khushi kabhi gham

कभी खुशियों के कारवां, तो कभी #गम के मेले
कभी आशा की रौशनी, कभी निराशा के अँधेरे
कभी महफ़िलों के रंग, कभी तन्हाई में अकेले
कभी पाने की ख्वाहिशें, तो कभी खोने के झमेले
कभी अपनों के दर्द देखे, कभी गैरों के दंज झेले
कभी दीपों की छटा देखी, कभी होली के रंग खेले
चलता रहा ज़िन्दगी का यूं ही हसीन सिलसिला,
कभी मिल गया कोई साथी, कभी चल पड़े अकेले
दुःख सुख का संगम है ये ज़िन्दगी का मेला भी,
बस आते रहेंगे लोग यहां, और लगते रहेंगे मेले...

Hum Dunia Se Chale Jayenge

ग़मों के तूफ़ान भी, टकरा कर चले जाएंगे
हम तो इक दरिया हैं, यूं ही बहते चले जाएंगे
खंज़र घोंपने से क्या मिलेगा तुम्हें यारा,
बस इशारा कर दो, हम दुनिया से चले जाएंगे...

Zindagi ho gayi tinka

पुरानी #यादों को, सजाने में क्या रखा है
सूखे ज़ख्मों को, सहलाने में क्या रखा है
बना दिया तमाशा #मोहब्बत ने हमारा,
यादों के बिन, तन्हाइयों में क्या रखा है
भले ही राहें साफ़ हों उधर जाने की मगर,
अब बुतों से, #दिल लगाने में क्या रखा है
दिल नहीं जानता कि रिश्ते टूट जाते हैं,
अब इस तरह, अश्क बहाने में क्या रखा है
हमने तो सजा ली हैं नकली मुस्कराहटें,
अब किसी को, ग़म दिखाने में क्या रखा है
क्या सुनाएँ कहानी का अंजाम किसी को,
अब किसी का, दिल दुखाने में क्या रखा है
#ज़िन्दगी बिखर गयी तिनका तिनका "मिश्र",
आखिर उसे, फिर से बनाने में क्या रखा है....