जिन पर लुटा दीं हमने, बिना हिसाब दौलतें
उन्होंने दो गज़ कफ़न भी, हमें नाप कर दिया
जिन्होंने अब तलक हमें अपने नाम से जाना
उन्होंने बदल कर मेरा नाम, अब लाश कर दिया
बचाते रहे हमेशा जिन्हें, हर तपिश से हर कदम
उन्होंने चंद लम्हों में, जला कर ख़ाक कर दिया
बरकरार थीं सांसें तब तक, अनेकों थे रिश्ते "मिश्र"
पर बाद मरने के सभी ने, गुज़री हुई रात कर दिया
इस #जीवन की चादर में, सुख दुःख तो ताना बाना है
इसमें जितना दुःख आना है, उतना सुख भी आना है
क्यों होते हो विचलित इतना इस दुनिया में आ कर,
सब कुछ करता ऊपर वाला, जो मन में उसने ठाना है
कितनी ही कोशिश कर लो दामन में सब कुछ भरने की,
मिलना तुमको उतना ही है, जितना #नसीब ने पाना है
ये चादर मैली ना हो जाये बस तुम इसका उपचार करो,
ऊपर वाला सब कुछ देगा, ये तो ऋषियों ने भी माना है...
किसी से ज़बर्दस्ती का, #प्यार नहीं हुआ करता
कोई भी ज़बर्दस्ती से, अपना नहीं हुआ करता
जो #दिल के करीब है सिर्फ उसको पहचानो,
कभी दिल के कालों से, रिश्ता नहीं हुआ करता
फ़रेबों की दुनिया में मुखौटे पहचानना सीखो,
कभी किसी का फ़रेबों से, भला नहीं हुआ करता
चाशनी लपेट कर जो तारीफ़ करते हैं तुम्हारी
असलियत में उनका इरादा, नेक नहीं हुआ करता...
कटती है पतंग तो, उसकी कोई डगर नहीं होती
कहाँ पे जा अटकेगी, किसी को खबर नहीं होती
ज़िन्दगी का पहिया कहाँ अटक जाये क्या पता,
कब थम जाएंगी सांसें, किसी को खबर नहीं होती #आदमी समेंटता है क्या क्या न जाने किसके लिए,
बाद मरने के क्या होगा, किसी को #खबर नहीं होती
ख़ुशी से जीना है तो लोगों के #दिल में जियो, वरना #नफ़रत से भरे लोगों की, किसी को खबर नहीं होती
गुनाहों के शहर में, हर चेहरा अनजान सा दिखता है
इंसान की शक्लो सूरत में, इक शैतान सा दिखता है
मुखौटों से नहीं बदलती फितरत आदमी की,
हमें हर कदम उसका, बगुले के ईमान सा दिखता है...