Shanti Swaroop Mishra

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Wo Bewafa Ho Gye Gam Nhi

गले से ग़मों को न लगाएं तो क्या करें
यूं रात दिन आंसू न बहाएं तो क्या करें...
उन्हें अंधेरों से सख्त नफ़रत है दोस्तों,
अगर #दिल अपना न जलाएं तो क्या करें...
जुर्म किया है कि #मोहब्बत कर बैठे हम,
अगर उसे दिल से न निभाएं तो क्या करें...
हमें #गम नहीं कि वो #बेवफा हो गए,
अगर हम भी वफ़ा न निभाएं तो क्या करें...

Guzra Waqt wapis nahi aata

गुज़र गया जो वक़्त, उसे फिर मुड़ते नहीं देखा
टूट गए जो #प्यार के रिश्ते, फिर जुड़ते नहीं देखा
फूलों को घेरे काँटों से तितली को कोई गिला नहीं,
पर उसको सूखे फूलों पर, कभी उडते नहीं देखा
गैरों ने जो घाव दिए शायद मिट जाएँ इक दिन,
पर अपनों ने जो ज़ख्म दिए, कभी भरते नहीं देखा
लोगों ने कितना वैभव पाया है इस दुनिया से,
पर ज्यादा पाने की तृष्णा को, कभी मरते नहीं देखा...

Daulat Hai To Rishte Hain

शोहरत के साथ रिश्ते भी, अजीब सा अहसास कराते हैं
जिनकी सूरत भी याद नहीं, हमें दिल के पास बताते हैं
जो मुफलिसी में छुपाते थे हमसे अपना रिश्ता यारो,
आज वही दुनिया के सामने, हमें अपना ख़ास बताते हैं
कैसी है ये दुनिया जहां आदमी की कोई क़द्र नहीं "मिश्र",
दौलत है तो सब तुम्हारे, वरना तो सब उपहास उड़ाते हैं...

Wo bhula kar chala gya

कोई तो मेरे वजूद को, ठुकरा कर चला गया
और कोई झूठी ख्वाहिशें, जगा कर चला गया
कोई तमाशा देखता रहा दूर से ही खड़ा खड़ा,
तो कोई दिल का दीया, बुझा कर चला गया
अफ़सोस हम यूं ही बनाते रहे रिश्ते पे रिश्ते,
पर वक़्त पे हर कोई, सर झुका कर चला गया
कहते थे कभी हम जिसे खून का रिश्ता,
वक़्त पर वो भी, खून को भुला कर चला गया...

Jis Din Se Door Huye

जिस दिन से उनसे दूर हुए, हमने तो हँसना छोड़ दिया
हो कर रह गए दीवारो में क़ैद, बाहर निकलना छोड़ दिया
जब तक वो थे मेरे क़रीब दिल की कली मुस्काती थी
गुलशन में अब क्या रखा है, फूलों ने महकना छोड़ दिया
कितनी मुद्दत गुज़र गयी अब तो कुछ भी याद नहीं,
यादों का कारवां गुज़र गया, आँखों ने छलकना छोड़ दिया
देखी हैं गज़ब की रुसबाईं बेचारे इस #दिल ने भी
वो सोच सोच कर हार गया, उसने भी मचलना छोड़ दिया...