हूँ परेशान मगर, नाराज़ नहीं हूँ ,
झूठे #सपनों का, मोहताज़ नहीं हूँ !
जिया हूँ ग़मों में भी मज़े के साथ,
मैं बिगड़े सुरों का, साज़ नहीं हूँ !
देख लिए सभी ने सितम ढा कर,
मैं उनकी तरह, दगाबाज़ नहीं हूँ !
#रिश्तों को निभाया जतन से मैंने,
पर चुप रहूँ मैं, वो आवाज़ नहीं हूँ !
ईमान से जीने का आदी हूँ ,
मैं कोई #दिल में छुपा, राज़ नहीं हूँ !
hindi hindi shayari