प्यार की बातें, दिल से लगाना छोड़ दिया हमने
बहुत रो लिये, अब आंसू बहाना छोड़ दिया हमने
बहुत बेवफाइयां झेली हैं इस दिल ने यारो,
हँसना ही क्या, अब तो मुस्कराना छोड़ दिया हमने
अपनों के दिये ज़ख्मों से बेचैन है ये दिल,
उनके पहलू में, अब सर झुकाना छोड़ दिया हमने
सारी उम्र मुश्किलों से जूझते रहे रात दिन,
अब जमाने को, अपने ग़म बताना छोड़ दिया हमने
तमाशबीन है ये दुनिया उसका क्या कहिये,
अब मदारी बन, उसे खेल दिखाना छोड़ दिया हमने

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