न थे हम ऐसे मगर, हमें ऐसा बना दिया,
अपनों की करतूत ने, बुत सा बना दिया !
#दिल तो है मगर ये धड़कता है ज़रा ज़रा,
दुनिया की घातों ने, अधमरा बना दिया !
सागर सा विशाल था हमारा दिल यारो,
#दुनिया की रंजिशों ने, ज़रा सा बना दिया !
कहने को तो ज़िंदा हैं चलती हैं साँसें भी,
मगर अंदर से बिलकुल, मुर्दा बना दिया !
न रही जीने की ललक तो क्या करें ?
न चाहा था जो कभी, हमें वैसा बना दिया !