कर ले ऐतबार खुद पर, ये सहारे छूट जाएंगे,
जिन्हें कहता तू अपना, कभी भी रूठ जाएंगे !
करता है प्यार जिनसे तू खुद से भी अधिक,
तेरे देखते ही देखते, वो सब कुछ लूट जाएंगे !
समझ पाएगा जब तक दुनिया के कारनामे,
कभी देखे थे ख़्वाब प्यारे से, सारे टूट जाएंगे !
मत छेड़िये कभी खामोश दरिया को,
मचल गया जिस दिन, तो किनारे टूट जाएंगे !
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