अब तक तो हवाएं थीं, तूफ़ान अभी बाक़ी है
यारो न निकलिए बाहर, शैतान अभी बाक़ी है
हिलाके रख दिया है इस कोरोना की चाल ने,
अभी तो ये आगाज़ है, अंजाम अभी बाक़ी है
आया था पहले भी मगर इतना गलीज़ न था,
इसको थामने के वास्ते, लगाम अभी बाक़ी है
याखुदा अपनों को हम अब छू भी नहीं सकते,
लगता है इस अछूत का, गुमान अभी बाक़ी है
जा चुके न जाने कितने हमें छोड़ के सफ़र में,
लगता है शायद अपना, इम्तिहान अभी बाक़ी है
सुन कर किसी की चीखें दिल डोलता है 'मिश्र’,
न छोड़ेगा वो हमको भी,ये काम अभी बाक़ी है