हमारी चाहत को, अपनी चाहत बना के तो देखो
कभी हमारे ज़ख्मों को, अपना समझ के तो देखो
कभी न समझी हमारे आँसुओं की कीमत तुमने,
आँखों से बहता ये दरिया, ज़रा पास आके तो देखो
हमने तो अपनी हर सांस नाम कर दी है तुम्हारे,
कभी हमारी धडकनों को, अपनी बना के तो देखो
बड़े ही प्यार से बख्सी है हमको ये ज़िंदगी उसने,
कभी उसी के नाम पर, मोहब्बत निभा के तो देखो...
आज नसीब साथ है, तो उसका सबब तुम हो
खुशियाँ मेहरवान हैं, तो उसका सबब तुम हो
मैं कैसे न लुटा दूं जान तुम पर सनम,
मेरी साँसें मेरे साथ हैं, तो उसका सबब तुम हो
इस ज़माने के कितने रंग देखे हैं मैंने,
वो दुनिया मेरे साथ है, तो उसका सबब तुम हो
पतझड़ ने तोड़ फेंका पत्ता पत्ता जिसका,
गुलशन में फिर बहार है, तो उसका सबब तुम हो
जो दिल डूबा था कभी मुस्तक़िल अंधेरों में,
हर कोना उसका रोशन है, तो उसका सबब तुम हो...
Tujhe Inkar Hai Mujhse, Mujhe Ikrar Hai Tujhse,
Tu Khafa Hai Mujhse, Mujhe Chahat Hai Tujhse,
Tu Mayoos Hai Mujhse, Mujhe Khushi Hai Tujhse,
Tujhe Nafrat Hai Mujhse Aur Mujhe Pyar Hai Tujhse...
उनकी याद में, गुज़री हैं हमारी रातें अक्सर
घूमते काटी हैं, सितारों के बीच रातें अक्सर
जब दिल गुज़रता है तन्हाइयों के आलम से,
अचानक आ धमकती हैं, उनकी यादें अक्सर
कुछ कदम चल कर बरबस ठिठक जातें हैं,
हमें पुकारती हैं यूं ही, उनकी आवाज़ें अक्सर
जिधर देखता हूँ उनका चेहरा नज़र आता है,
आलम में गूंजती रहती हैं, उनकी बातें अक्सर
मुझे याद है मोहब्बत का हर लम्हा दोस्त,
आँखों आँखों में, होती थीं मुलाकातें अक्सर <3