ना जाने कितने मौसम गुजर गये तु जो गयी तबसे एक ही मौसम चल रही हैँ
बरसात की जो मेरे आँखोँ से दिन रात ठहर ठहर गरज गरज के बरसते हैँ ।
देखने को तेरी एक नजर मेरी सूरत तरसते हैँ ।
तु सो गई होगी चैन से पर मेरी आँखे सोने से पहले बरसते हैँ
भीँग जातेँ हैँ बदन फिर नीँद किसे आतेँ हैँ
तेरा गम भुलाने को फेसबुक चलाते हैँ
अपना सुख दुःख दोस्तोँ को सुनाते हैँ
तुने वफा ना की अब हम सब वेवफा नाम तुझे दे जातेँ हैँ
कल मिलेँगे दोस्तोँ आज वेवफा के लिऐँ मर जाते हैँ
Dard de kar ishq ne hume rula diya
Jis par marte the usi ne hume bhula diya
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Hum to unki yaadon mein hi ji lete
Magar unho ne to yaadon mein hi zehar mila diya :(
वक़्त गुज़र जाता है, पर अपना अहसास छोड जाता है
तूफान गुज़र जाता है, पर अपना आभास छोड जाता है
छोड़ कर चला जाता है कोई अपना,
ज़िंदगी भर ताकने के लिये, बस आकाश छोड़ जाता है
हम उजड़े हुए दिल को, चमन बनाने से डरते हैं
अपने मन के उपवन में, फूल खिलाने से डरते हैं
न जाने कितनों के दिल राख होंगे,
तभी तो अपने दिल में, किसी को बिठाने से डरते हैं
एक उजड़े हुए चमन में, कभी फूल नहीं खिला करते
कंगाल के घर में कभी, जवाहरात नहीं मिला करते
लोग कहते हैं, प्यार का अहसास भरो लफ्ज़ों में
पर जर्ज़र हुए दिलों में प्यार के रंग नहीं मिला करते